उस्ताद नहीं मैं लफ़्ज़ों का ना जादूगर अल्फाज़ो का, ना समझ मुझे है नज़्मों की ना ज्ञान म उस्ताद नहीं मैं लफ़्ज़ों का ना जादूगर अल्फाज़ो का, ना समझ मुझे है नज़्मों की ...
तड़पायी गयी, जलाई गयी, दफनाई गयी, यही मेरे हिस्से में क्यों? तड़पायी गयी, जलाई गयी, दफनाई गयी, यही मेरे हिस्से में क्यों?
आती तेरी यादों को.. मैं शायरी में लिखता हूँ। आती तेरी यादों को.. मैं शायरी में लिखता हूँ।
हमारी झोली में ज्यादा कुछ नसीब कहां हुआ है हमारी झोली में ज्यादा कुछ नसीब कहां हुआ है
"उदासियों को खूँटियों पर टाँग दिया करो, बेफिक्र मुस्कुरा लिया करो। "उदासियों को खूँटियों पर टाँग दिया करो, बेफिक्र मुस्कुरा लिया करो।
पर आप लफ्जों से न बल्कि आँखों से बोल रहे थे, जो दिल सुनने के लिए तरस रहा था, पर आप लफ्जों से न बल्कि आँखों से बोल रहे थे, जो दिल सुनने के लिए तरस रहा थ...